प्रभारी पुस्तकालय -श्रीमती हिमानी नेगी (असि0 प्रो0)
पुस्तकालय लिपिक – श्री पंकज रावत
बुकलिफ्टर – श्री बलवन्त सिंह

  1. महाविद्यालय पुस्तकालय
    महाविद्यालय पुस्तकालय कार्य दिवसों पर प्रातः 10ः00 बजे से 5ः00 बजे तक खुला रहता है। छात्र-छात्राओं को सुविधानुसार पुस्तकें प्राप्त करने के लिए तिथियां एवं दिवस निर्धारित किये जाते है और उन्ही दिनों में पुस्तकें वर्ष भर निर्गत की जाती है।
    पुस्तक प्राप्त करने हेतु निर्धारित मांग पत्र भर कर पुस्तकालय में जमा करना होगा, छात्र/छात्राओं को पुस्तकें परिचय पत्र दिखाने पर ही मिल सकती है।
  2. एक समय में स्नातक स्तर के विद्यार्थी को अधिकतम 06 पुस्तकें पुस्तकालय कार्ड पर दी जा सकती है जो कि 15 दिन में निर्धारित तिथि तक पुस्तकालय में जमा करनी होगी।
  3. संदर्भ पुस्तकें निर्गत नहीं होंगी।
  4. पुस्तकों को सुरक्षित रखने की पूर्ण जिम्मेदारी पुस्तक लेने वाले की होगी। यदि किसी पुस्तक में किसी भी प्रकार की क्षति जैसे फाडना, पृष्ठ मोड़ना एवं पुस्तक खोने की दशा में पुस्तक लेने वाले को नयी पुस्तक लौटानी होगी। पुस्तकालय से पुस्तक लेते समय उसकी भली भांति जांच कर लेनी चाहिए कि पुस्तक की दशा ठीक है या नहीं अन्यथा क्षति हेतु पुस्तक लेने वाले उत्तरदायी होंगे। पुस्तकों पर नाम व अन्य विवरण लिखना सर्वथा वर्जित है। उक्त नियम का उल्लंघन करने पर नई पुस्तक या उसका मूल्य जमा करना होगा। यदि पुस्तकालय से पुस्तक खराब हालत में मिलती है तो इस आशय का प्रमाण पत्र पुस्तकालयाध्यक्ष से पुस्तक दिखाकर लेना होगा।

वाचनालय
छात्र/छात्राओं के लिये सदैव ई-समाचार पत्र, मासिक पत्रिकायें पढ़ने एवं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के लिये महाविद्यालय में वाचनालय की व्यवस्था है। पत्र-पत्रिकाओं को वाचनालय से बाहर ले जाना वर्जित है। विद्यार्थियों से प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये अतिरिक्त पुस्तक एवं पत्रिकाओं आदि को क्रय करने का सुझाव मिलने पर उन्हें क्रय करने की भी व्यवस्था की जा सकती है। विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि अतिरिक्त समय पर पत्र पत्रिकाओं को पढ़कर अपने सामान्य ज्ञान में वृद्धि करते रहें। कोई भी पत्रिका (नई या पुरानी) परिचय-पत्र पर निर्गत नहीं की जायेगी। जो छात्र/छात्राऐं इन्हें पढना चाहते है वे वाचनालय में अपना परिचय पत्र जमा कर पढ़ सकते है।